Friday, January 30, 2015

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USE HERBAL/AYURVEDIC TRETMENT


कुछ ऐसी समस्या से हम परेशान होते है जिसके उपचार करके भी आराम नहीं मिलता। और शायद यही समस्या कुछ ही दिन में ऐसा मोड़ लेती है की हम अपना अस्तित्व खो बैठते है। दोस्तों पेशाब में धात जाता है। यह एक प्रकार का सफ़ेद चिकनाईयुक्त रहता है। आप इसे वीर्य भी कह सकते है। जब हम पेशाब करते है तब भी ये बहता है और जब भी दीर्घशंका करते है तब भी ये पेशाब से जाता है। कभी कभी मल के द्वारा भी ये जाता है। दोस्तों यह एक बुरी बीमारी है। इसका इलाज अगर समय पे ना किया जाये तो कमजोरी, थकावट, नपुंसकता (नामर्द) की संभावना है। अब महिलाओ को भी ऐसी समस्या होती है जिसे हम श्वेत प्रदर या ल्यूकोरिआ या लिकोरिआ (Leukorrhea) या "सफेद पानी आना" कहते है। स्त्रिओं का एक रोग है जिसमें स्त्री-योनि से असामान्य मात्रा में सफेद रंग का गाढा और बदबूदार पानी निकलता है और जिसके कारण वे बहुत क्षीण तथा दुर्बल हो जाती है। महिलाओं में श्वेत प्रदर रोग आम बात है। ये गुप्तांगों से पानी जैसा बहने वाला स्त्राव होता है। यह खुद कोई रोग नहीं होता परंतु अन्य कई रोगों के कारण होता है। इससे योनि स्थल पर खुजली होना, कमर दर्द होना, चक्कर आना, कमजोरी बनी रहना। दोस्तों ऐसे बीमारियो का आयुर्वेदिक रामबाण इलाज हम ने ढूंढ निकला है।